इंतजार का जबरदस्त फायदा: 6 लाख रुपये के बन गए 216 करोड़

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करोड़पति बनने का सपना हर कोई देखता है लेकिन इस सपने को साकार कर पाना इतना आसान नहीं होता। इसके लिए इंतजार करना पड़ता है। कई बार इंतजार का ऐसा फायदा होता है कि लोगों की किस्मत बदल जाती है। ऐसी ही किस्मत क्रिप्टोकरेंसी ने बदली है।

सिर्फ 9 साल में जबरदस्त रिटर्न: दरअसल, एक निष्क्रिय क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट में जबरदस्त तेजी आई है। इस वॉलेट में 6 लाख रुपए के वैल्यू की 616.2004 बिटकॉइन थी, जिसकी कीमत अब लगभग 28.35 मिलियन डॉलर ( 216 करोड़ रुपए) हो गई है। लगभग 9 साल में ये जबरदस्त तेजी आई है। आज इस वॉलेट की कीमत करीब 359284 फीसदी बढ़ गई है। इसकी जानकारी तब मिली जब हाल ही में वॉलेट के मालिक ने बिटकॉइन को दूसरे वॉलेट में स्थानांतरित कर दिया है। बिटकॉइन वॉलेट में हलचल की सूचना सबसे पहले ब्लॉकचेन एक्सप्लोरर ब्लॉकचैन डॉट कॉम ने दी थी।

वर्चुअल करेंसी की दुनिया में इस पूरे प्रकरण के जरिए 'होडल एंड फॉरगेट!' मैसेज देने की कोशिश की गई है। इस मैसेज में "होल्ड" की बजाए HODL की गलत वर्तनी का इस्तेमाल किया गया है। ये मूल रूप से बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में कहा जा रहा है। इसका मतलब ये हुआ कि क्रिप्टोकरेंसी खरीद कर भूल जाने की स्ट्रैटजी अपनाएं। इससे नए निवेशकों को लुभाने का भी प्रयास हो रहा है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी: क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है, इसे न तो देख सकते हैं, न टच कर सकते हैं। यह सिर्फ डिजिटल रूप में होता है जिससे ऑनलाइन ही लेन-देन किया जा सकता है। हालांकि, भारत में अभी इस करेंसी को मान्यता नहीं मिली है। रिजर्व बैंक की ओर से पहले ही इसको लेकर कई तरह की आशंकाएं जाहिर की जा चुकी है। बीते दिनों रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बताया था कि क्रिप्टोकरेंसी की चिंताओं से वह सरकार को अवगत करा चुके हैं।

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